रतलाम(खबरबाबा.काम)। सैलाना से सात बार के विधायक मालवा के गांधी कहलाने वाले प्रभुदयाल गेहलोत की अंतिम यात्रा गुरुवार दोपहर को निकाली गई। अपने जननायक पूर्व मंत्री प्रभूदयाल गेहलोत को अंतिम विदाई देने के लिए गुरूवार को लगभग पूरा अंचल उमड़ पड़ा। सैलाना में जुटी हजारो लोगों की भीड़ ने उन्हे नम आंखो से विदाई दी। श्री गेहलोत की अंतिम यात्रा गुरुवार दोपहर सैलाना स्थित उनके आवास से मुक्तिधाम पंहुची, जहां उनके बेटों राजेश, शेखर और हर्षविजय गेहलोत ने मुखाग्नि दी। अंतिम दर्शनों के लिए सैलाना के साथ आसपास के दर्जनों गांवों, नगर और शहर से भी लोग पंहुचे। राजनेता, समाजसेवी से लेकर आमजन आदिवासियों तक की भीड़ लग गई। जिले सहित अंचल का लगभग हर दल का राजनेता स्वं गेहलोत को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद था। कांग्रेस के अलावा भाजपा, शिवसेना, जनता दल, के स्थानीय नेतागण भी उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से हिम्मत कोठारी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव व प्रदेश कांग्रेस की ओर से जिलाध्यक्ष प्रभु राठौड़ ने श्रद्धांजलि दी। श्री गेहलोत के निधन का समाचार मिलते ही सैलाना बंद हो गया। धामनोद, रतलाम, सरवन, रावटी, शिवगढ़, बाजना तक अधिकांश दुकानें बंद और सड़के विरान नजर आई। मुक्तिधाम पर शोकसभा का आयोजन भी हुआ। इस दौरान राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष श्री कोठारी ने कहा कि श्री गेहलोत का व्यक्तित्व बहुत विशाल था। उनकी सहजता, सह्रदयता को किसी दायरें में बांधा नहीं जा सकता। वो सब के थे और सब उनके थे। अन्य उपस्थितजनों ने भी अपनी श्रध्दाजली अर्पित की। इस दौरान विधायक संगीता चारेल, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष कान्हसिंह चौहान, राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी, डॉ. विक्रांत भूरिया, प्रभु राठौड़, मंडी अध्यक्ष प्रकाश भगौरा, युसूफ कड़पा, श्रेणिक चंडालिया, शैलेंद्र डागा, पारस सकलेचा, जगदीश पाटीदार, शांतिलाल भाभर, मंगल पाटीदार, यास्मीन शेरानी, हिम्मतसिंह श्रीमाल, फैय्याज मंसूरी, केकेसिंह कालूखेड़ा, मगनलाल कटारिया, विनोद मांडोत, श्रीराम शर्मा, डॉ. खुशालसिंह पुरोहित, डॉ.प्रदीपसिंह राव, मो.रऊफ कादरी, रमेश टाक, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार आदि मौजूद थे। सात बार रहे विधायकसैलाना विधानसभा सीट पर सात बार विधायक रह चुके श्री गेहलोत का निधन बुधवार रात करीब 9 बजे लंबी बीमारी के बाद हुआ। 85 वर्ष की उम्र में भी अस्वस्थ होने के पहले तक श्री गेहलोत लगातार अपने क्षेत्र में सक्रीय रहे। वे हर रोज घर प सैकड़ों आदिवासियों और लोगों की समस्या सुनते और सुलझाते रहे। बीमारी के दौरान भी उनसे रोज दर्जनों लोग मिलने आते रहे। रात में ही निधन की सूचना मिलते ही सैकड़ो लोग उनके घर पंहुच गए थे। दो बार बने मंत्री स्व श्री गेहलोत सैलाना विधानसभा सीट से सात बार विधायक बने थे। वे सबसे पहली बार 1967 में सैलाना के विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वे 1972, 1977, 1985, 1998, 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में विजयी रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री गेहलोत एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में 1998 में भी चुनाव जीते थे। अपने राजनीतिक जीवन में वे दो बार राज्य के मंत्रीमण्डल में मंत्री के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके है। स्व श्री गेहलोत पहली बार 1969 में मंत्री बनाए गए थे। इसके पश्चात वर्ष 90 में भी वे मंत्रीमण्डल में रह चुके थे। राजनीति में आने के पहले श्री गेहलोत शिक्षक थे। श्री गेहलोत एमए समाजशास्त्र, एमए अर्थशास्त्र, बीएड, एलएलबी थे। उनके बड़े बेटे राजेश गेहलोत शासकीय सेवा में है, जबकि शेखर और हर्षविजय गेहलोत राजनीति में सक्रीय हैं।
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