रतलाम, 25जून(खबरबाबा.काम)। नगर निगम के बजट सम्मेलन को लेकर भाजपा की आंतरिक खींचतान अब खुलकर उजागर हो रही है। सोमवार को भाजपा के करीब डेढ दर्जन पार्षद 25 से अधिक पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र को लेकर निगम अध्यक्ष से मिलने पहुंचे, लेकिन निगम अध्यक्ष के निगम कक्ष में मौजुद नहीं होने पर पार्षदो ने उनकी खाली कुर्सी के समीप निज सचिव को मांग पत्र सौंपा।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 के बजट को लेकर होने वाला निगम का साधारण सम्मेलन अभी तक नहीं हो पाया है, जबकि हर बार बजट सम्मेलन 31 मार्च के पहले ही कर लिया जाता है। राजनीतिक गलियारों में जो चर्चाएं चल रही है, उसके अनुसार इस वर्ष अभी तक बजट सम्मेलन नहीं होने का कारण अत्याधुनिक मुक्तिधाम निर्माण को लेकर भाजपा की अंदरुनी खींचतान है। बजट सम्मेलन नहीं होने को लेकर कांग्रेस पूर्व में संभागायुक्त को पत्र सौंप चुकी है। अब भाजपा पार्षदो में भी नाराजगी बढती जा रही है। पार्षदों का कहना है कि बजट सम्मेलन नहीं होने का असर विकास और जनहितैषी कार्यो पर पड़ रहा है, ऐसे में जल्द से जल्द बजट सम्मेलन बुलाया जाना चाहिए। सोमवार को बजट सम्मेलन बुलाने की मांग को लेकर भाजपा के पार्षद और एल्डरमेन निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल के कक्ष में उन्हे मांग पत्र देने पहुंचे। बताया जाता है कि इस मांग पत्र में भाजपा के 25 पार्षदों के साथ ही दो निर्दलिय पार्षदों के भी हस्ताक्षर है। भाजपा के दो पार्षदों ने इस मांग पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए है।
निज सचिव को सौंपा मांग पत्र
नेता पक्ष प्रेम उपाध्याय के नेतृत्व में भाजपा के पार्षद, एल्डरमेन और पार्षद प्रतिनिधि सोमवार दोपहर को निगम अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे, लेकिन निगम अध्यक्ष कक्ष में मौजुद नही थे। जिस पर भाजपा पार्षदों ने निगम अध्यक्ष की खाली कुर्सी के समक्ष उनके निज सचिव को बजट सम्मेलन बुलाने की मांग को लेकर मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र सौंपे जाने के अवसर पर नेता पक्ष प्रेम उपाध्याय, भगतसिंह भदौरिया, पार्षद पप्पू पुरोहित, सूरज जाट, अरुण राव, अशोक यादव, रेखा जौहरी, सोना शर्मा, रणजीतसिंह राठौर, प्रहलाद पटेल आदि मौजुद थे।
आपसी खींचतान में उलझा बजट
बजट सम्मेलन अटकने को लेकर चर्चा है कि प्रस्तावित अत्याधुनिक मुक्तिधाम को लेकर भाजपा का एक पक्ष बिरियाखेड़ी क्षेत्र में आवंटित जमीन पर निर्माण चाहता है तो दूसरा पक्ष त्रिवेणी मुक्तिधाम को अत्याधुनिक बनाने की बात कह रहा है। इस मामले में प्रमुख जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनीं हुई है।
बस कुछ माह बचे है
चुनावी वर्ष होने के कारण वैसे भी इस वर्ष अब विकास कार्यो को लेकर काफी कम समय बचा है। कुछ माह बाद आचार संहिता लगते ही न सम्मेलन आहूत हो सकेगा, नाहीं विकास कार्यो को लेकर कोई निर्णय हो पाएगा। निगम की वर्तमान परिषद के अब तक के साढेे तीन वर्ष के कार्यकाल में महज चार बार ही सम्मेलन आहुत हुआ है। ऐसे में बजट सम्मेलन के बाद इस वर्ष एक और सम्मेलन होने को लेकर सशंय है।
इनका कहना है
बजट सम्मेलन नहीं होने का असर विकास कार्यो पर पड़ रहा है। भाजपा पार्षद बजट सम्मेलन बुलाने का मांग पत्र सौंपने निगम अध्यक्ष के कक्ष में गए थे, उनके नहीं होने पर निज सचिव को मांग पत्र सौंपा गया। बजट सम्मेलन की जल्द से जल्द तारिख तय होना चाहिए।
-पप्पू पुरोहित, भाजपा पार्षद
बजट सम्मेलन बुलाने और नामांतरण को लेकर आमजन को हो रही परेशानी को लेकर निगम अध्यक्ष के नाम मांग पत्र सौंपा गया है। निगम अध्यक्ष उपलब्ध नहीं हो पाए, जिस कारण उनके निज सचिव को मांग पत्र सौंपा गया है। मांग पत्र में 25 भाजपा पार्षद और दो निर्दलिय पार्षदों के हस्ताक्षर है।
-प्रेम उपाध्याय, नेता पक्ष
मुझसे मांग पत्र सौंपने के लिए पहले से समय नहीं लिया गया था, नाहीं मुझे इसकी जानकारी थी। मैं एक कार्यक्रम में था। जहां तक बजट सम्मेलन की बात है तो पार्षदों की मांग जायज है। जल्द ही बजट सम्मेलन की तारिख तय कर दी जाएगी।
-अशोक पोरवाल , निगम अध्यक्ष रतलाम