रतलाम,10अक्टूबर(खबरबाबा.काम)। माणकचौक पुलिस ने ब्राह्मणों का वास में एक मकान का सौदा कर सह मालकिन से धोखाधड़ी कर 20 लाख रुपए हड़पने और मकान पर कब्जा करने वाले तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ वृद्धा अपनी शिकायत लेकर पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के साथ एसपी गौरव तिवारी के पास पहुंची थी। श्री तिवारी के निर्देश पर माणकचौक पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ भांदवि की धारा गृहअतिचार, नुकसान पहुंचाने की कुचेष्ठा करने, छल और धोखाधड़ी के साथ आपराधिक षडयंत्र रचने की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई शुरु कर दी है।
पुलिस के अनुसार 85 वर्षीय कमलाबाई पति सागरमल तिवारी निवासी सखवाल नगर रतलाम की रिपोर्ट पर प्रकाश पिता मांगीलाल निवासी सखवाल नगर, चंद्रप्रकाश पिता नानू एवं सुबोध पिता गोपाल कृष्ण निवासी ब्राह्मणों का वास रतलाम के खिलाफ धारा 448, 427, 417, 420 एवं 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ कमलबाई ब्राह्मणों का वास स्थित मकान का सौदा करने के बाद बीस लाख रुपए हड़प करने एवं मकान पर जबरदस्ती कब्जा करने की शिकायत की है। वृद्धा के अनुसार आरोपियों ने दलाल के माध्यम से 3 फरवरी 2018 को चंद्रप्रकाश के पक्ष में उसके संयुक्त मालिकी वाले मकान का सौदा 90 लाख 32 हजार में किया था। चंद्रप्रकाश ने 26 फरवरी 2019 को इस मकान की रजिस्ट्री वृद्धा एवं उसकी जेठानी से आरोपी सुबोध के पक्ष में करवाई, जो 40 लाख रुपए की थी। रजिस्ट्री के समय आरोपियों ने वृद्धा एवं उसकी जेठानी को 40 लाख रुपए दिए थे जो दोनों ने बराबर बांट लिए थे। शेष राशि घर पर देने को कहा था कि पूरे रुपए देने तक मकान पर कब्जा उनका ही रहेगा। इस मकान में वृद्धा का करीब 5 लाख रुपए का सामान भी पड़ा था। बाद में आरोपियों ने शेष राशि में से वृद्धा को 20 लाख रुपए नहीं दिए और सात महीने तक वृद्धा ने अपने पुत्र कैलाश, राजेंद्र तिवारी के साथ रुपए मांगे तो दलाल प्रकाश के नाम से 25 अगस्त 2019 को एक खाली चैक हस्ताक्षर करके दे दिया। वृद्धा ने बैंक में तलाश की तो प्रकाश के खाते में रुपए नहीं थे। सितंबर के अंतिम दिनों में आरोपी प्रकाश एवं सुबोध 500 रुपए के स्टाम्प पर एक अनुबंध टाइप करवाकर वृद्धा के पास पहुंचे जिसमें प्रकाश को वृद्धा द्वारा 20 लाख 30 हजार रुपए उधार दिए जाने का जिक्र था। अनुबंध के अनुसार प्रकाश द्वारा प्रतिमाह 30 हजार रुपए देने की बात कही गई थी, लेकिन उसपर वृद्धा ने हस्ताक्षर नहीं किए। 2 अक्टूबर को सुबोध को ब्राह्णणों का वास स्थित वृद्धा के मकान को मजदूर ले जाकर गिराना शुरु कर दिया जबकि उसमें सारा सामान रखा हुआ था। वृद्धा द्वारा पुलिस को विक्रय अनुबंध पत्र, रजिस्ट्री, खाली चैक और लेनदेन के अनुबंध की प्रति प्रस्तुत कर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। पुलिस ने इसपर जांच के पश्चात तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।