रतलाम 26 नवम्बर 2019/ जिला स्तरीय जनसुनवाई मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। जनसुनवाई में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, संयुक्त कलेक्टर श्री एम.एल. आर्य तथा डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन द्वारा जनसुनवाई करते हुए 85 आवेदनों पर निराकरण के निर्देश संबंधित विभागों को जारी किए गए।
जनसुनवाई में सेवानिवृत्त शिक्षिका श्रीमती निर्मला वैष्णव ने आवेदन दिया कि उनको सेवानिवृत्ति के 2 वर्ष बाद भी अर्जित अवकाश नगरीकरण सातवें वेतनमान के अंतर्गत वेतन अंतर की राशि तथा समयमान वेतनमान में निर्धारण करके भुगतान प्राप्त नहीं हुए हैं। आवेदन पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को तत्काल निर्देशित किया गया कि कार्रवाई करके भुगतान करवाए जाए। ग्राम कुंडल पंचायत बासिंद्रा के ग्रामीणों ने आवेदन दिया कि उनके गांव में जबसे तालाब बना है तबसे जमीन हर साल पानी में डूब जाती है। गांव वालों को निकलने, बच्चों को स्कूल जाने आदि के रास्ते बंद हो जाते हैं। अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अतः इस तालाब के नाले की 5 से 10 फीट हाइट कम कर दी जाए, आवेदन पर जल संसाधन विभाग तथा एसडीएम सैलाना को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
जनसुनवाई में श्रीमती रंभाबाई निवासी ग्राम कुआंझागर ने आवेदन दिया कि उसके पुत्र की आकस्मिक निधन की सहायता राशि बैंक ऑफ इंडिया की शाखा प्रबंधक द्वारा नहीं दिए जा रही है। आवेदन पर जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को तत्काल नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार केसरपुरा ग्राम पंचायत खोकरा निवासी मांगू निनामा ने आवेदन दिया कि उसकी पत्नी सीताबाई की मृत्यु के पश्चात दूसरा परिवार में कमाने वाला नहीं है, उसके पास कोई खेती की जमीन नहीं है अतः उसे आर्थिक सहायता दी जाए। आवेदन एसडीएम रतलाम ग्रामीण को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया गया। ग्राम माननखेड़ा तहसील जावरा निवासी श्रीमती नंदीबाई ने आवेदन दिया कि उसके पति बगदीराम पीडब्ल्यूडी में गैंगमैन थे उनकी मृत्यु हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा उसके पति की सेवा अवधि की उपादान राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। आवेदन पर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
रतलाम उकाला रोड बसंत कॉलोनी निवासी गोविंदराम पिता वजेराम निवेदन किया कि उसके द्वारा कालका माता परिसर में गोली-बिस्कुट की गाड़ी लगाई जाती थी परंतु नगर निगम द्वारा हटा दी गई है। वह विकलांग है, उसकी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। आवेदन पर निगमायुक्त को निर्देशित किया गया कि आवेदक 70 प्रतिशत विकलांग है उसे उल्लेखित स्थान पर गुमटी रखने की अनुमति दी जाए।